मेरे देश में

मेरीमासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना है
काग़ज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है
क्या शर्ते मोहब्बत है क्या शर्ते फ़साना है
आवाज़ भी ज़ख़्मी है गीत भी गाना है

क्यों न हो इंसानियत हैरान मेरे देश में
घूमते हैं शान से शैतान मेरे देश में

रोशनी की खो रही पहचान मेरे देश में
और अंधेरों की बड़ी है शान मेरे देश में

जिस तरफ़ देखो तबाही,खून का माहौल है
खो गई क्यों प्यार की पहचान मेरे देश में

इस क़दर नैतिक पतन होगा किसे मालूम था
आदमी हो जाएगा हैवान मेरे देश में

गुमशुदा हैं पासबां इंसानियत के आजकल
बढ़ रही है क़ातिलों की शान मेरे देश में

पतझडों की आंधियाँ हर वक़्त चलती हैं यहाँ
बाग़ सब होने लगे वीरान मेरे देश में

उस पार उतारने की उम्मीद बहुत कम है
कश्ती भी पुरानी है तूफ़ान को भी आना है
समझे या ना समझे वोह अंदाज़े मोहब्बत के,
एक शक्स को आँखों से हाल-ए-दिल सुनना है
मासूम मोहब्बत का बस इतना ही फ़साना है
एक आग का दरिया है और डूब कर जाना

Comments

  1. bahut sunder chandan ji aapki rachna ke liye badhai. blog jagat men aapka swagat hai.

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  2. bhai ji kasam se iski taraif kare bina me nahi rah sakta ,,.wah wah ji kya baat hai ...मेरीमासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना है
    काग़ज़ की हवेली है बारिश का ज़माना है
    क्या शर्ते मोहब्बत है क्या शर्ते फ़साना है
    आवाज़ भी ज़ख़्मी है गीत भी गाना है....wah

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  3. Khoobsoorat abhivyakti hai .........
    Sundar tarike se likha hai apne dil ke jazbaato ko......

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  4. Thank you very much to all of you, I hope you all are enjoye here.. Now I'm again going to posting some interesting post. I hope you all will be like them... Thanks for your support.....

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