बहुत दिन हुए वो तूफ़ान नही आया, |
उस हसीं Dost का कोई पैगाम नही आया, |
सोचा में ही कलाम लिख देता हूँ, |
उसे अपना हाल- ए- दिल तमाम लिख देता हूँ, |
ज़माना हुआ मुस्कुराए हुए, |
आपका हाल सुने... अपना हाल सुनाए हुए, |
आज आपकी याद आई तो सोचा आवाज़ दे दूं, |
अपने Dost की सलामती की कुछ ख़बर तो ले loon |
Comments
Post a Comment